Jatin ramesh chavda
Jatin Chavda
शेर घायल है मगर दहाड़ना नहीं भूलाएक बार में सौ को पछाड़ना नहीं भूला।कुत्ते समझ रहे हैं कि, शेर तो हो चुका है ढ़ेरउन्हें कौन समझाए कि, ये तो समय का है फेर।साज़िश और षड्यंत्र के बल पर, हुआ यह सबवरना आज तक कोई, शेर को मार सका है कब।विरोधियों ने बैठक बुलाई, नई-नई योजना बनाईसिंह को वश में करने के लिए, चक्रव्यूह रचना सुझाई।चौकन्ना एक चीता, हालात जो सब समझ चुका थाऐसे ही एक जाल में, बहुत पहले खुद फंस चुका था।कुत्ते गीदड़ सियार लोमड़ी, बेशक सब गए हो मिलअपनी ही चाल में फंसेगे सब, नहीं अब ये मुश्किल